गूगल ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली जेमिनी के पर्यावरणीय प्रभाव पर एक विस्तृत शोध रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई चैटबॉट को दिए गए प्रत्येक टेक्स्ट प्रॉम्प्ट की ऊर्जा खपत कितनी होती है और यह पर्यावरण पर कितना असर डालती है।
रिपोर्ट के अनुसार, जेमिनी को दिए गए एक साधारण टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के लिए लगभग 0.24 वॉट-घंटा (Wh) बिजली की खपत होती है। यह बिजली की मात्रा उतनी ही है जितनी एक सामान्य टीवी को नौ सेकंड से भी कम समय तक देखने में खर्च होती है। इस प्रक्रिया से लगभग 0.03 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन होता है।
गूगल ने यह भी बताया कि जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ रहा है, उसके पर्यावरणीय प्रभाव को समझना और कम करना बेहद जरूरी है। कंपनी का कहना है कि वह अपने डेटा सेंटर को अधिक ऊर्जा-कुशल बनाने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल पर जोर दे रही है।
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रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि एआई चैटबॉट की ऊर्जा खपत वर्तमान में बेहद कम है, लेकिन बड़े पैमाने पर उपयोग होने पर इसका प्रभाव बढ़ सकता है। गूगल ने यह आश्वासन दिया है कि वह अपनी एआई तकनीकों के विकास के दौरान कार्बन फुटप्रिंट को न्यूनतम रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
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