नासा और इसरो के संयुक्त निसार (NISAR - NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) मिशन ने सफल प्रक्षेपण के बाद 90 दिनों के महत्वपूर्ण कमीशनिंग चरण में प्रवेश कर लिया है। यह चरण मिशन की भविष्य की सफलता के लिए अहम माना जा रहा है।
30 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एफ16 (GSLV-F16) रॉकेट के जरिए इस उन्नत रडार इमेजिंग सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया गया था। सफल लॉन्च के बाद अब सैटेलाइट को पूरी तरह से ऑपरेशनल बनाने के लिए विभिन्न तकनीकी परीक्षण और सिस्टम इंटीग्रेशन किए जा रहे हैं।
निसार मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की सतह में होने वाले बदलावों, हिमनदों की गतिविधियों, समुद्री स्तर में वृद्धि, भूकंप और भू-स्खलन जैसी घटनाओं की उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार इमेजिंग करना है। यह मिशन प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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विशेषज्ञों के अनुसार, 90-दिवसीय कमीशनिंग चरण के दौरान सैटेलाइट के सभी उपकरणों और रडार सिस्टम का कैलिब्रेशन, डाटा प्रोसेसिंग चेक और संचार प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही इसे पूरी तरह से वैज्ञानिक और परिचालन मिशन के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है, जो पृथ्वी अवलोकन और पर्यावरणीय निगरानी में नई दिशा प्रदान करेगा।
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