अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की कि वह एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत एआई (Artificial Intelligence) उद्योग पर राज्य स्तर पर बनाए जा रहे नियमों को समाप्त किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि एआई में वैश्विक बढ़त बनाए रखने के लिए पूरे देश में “एक ही नियम-पुस्तिका” होनी चाहिए। उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा, “यदि अमेरिका को एआई में नेतृत्व बनाए रखना है, तो पूरे देश के लिए केवल एक ही Rulebook हो सकता है।”
ट्रंप लंबे समय से अमेरिका को एआई तकनीक पर वैश्विक नियंत्रण देने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि इस तकनीक से अर्थव्यवस्था, रक्षा और उद्योगों में बड़े बदलाव होने की उम्मीद है। मगर कांग्रेस और स्वयं उनकी MAGA लॉबी में भी कई लोग एआई के संभावित जोखिमों और नौकरी पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हैं। कई सर्वे बताते हैं कि खासकर युवाओं में एआई को लेकर असुरक्षा बढ़ रही है।
MAGA आंदोलन के कुछ प्रमुख चेहरे—जैसे स्टीव बैनन—का आरोप है कि ट्रंप की बिग टेक के साथ बढ़ती नजदीकियां उन्हें अपनी राजनीतिक बेस से दूर ले जा रही हैं। कांग्रेस ने पहले ही दो बार ऐसे प्रस्तावों को खारिज कर दिया है, जिनमें राज्यों के एआई कानूनों को निरस्त करने की अनुमति मांगी गई थी।
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ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि 50 राज्यों को अलग-अलग नियम बनाने की अनुमति दी गई तो “एआई जन्म के चरण में ही नष्ट हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि इस सप्ताह वह One Rule Executive Order जारी करेंगे।
The Indian Witness की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित ड्राफ्ट में एक संघीय टास्क फोर्स बनाने और उन राज्यों की ब्रॉडबैंड फंडिंग सीमित करने का सुझाव था, जिनके एआई कानून “अत्यधिक बोझिल” समझे जाएंगे।
OpenAI के सैम ऑल्टमैन, Nvidia के जेनसन हुआंग और Google के सुंदर पिचाई जैसे टेक नेताओं का तर्क है कि राज्य-स्तरीय विनियम एआई विकास को धीमा कर देंगे और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों से पिछड़ने का खतरा बढ़ जाएगा।
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