एप्पल का नया iPhone Air टेक्नोलॉजी जगत में सुर्खियां बटोर रहा है, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फीचर्स को लेकर कंपनी का रुख अभी भी रहस्यमयी बना हुआ है। एप्पल ने अपने iPhone को कई बार नए-नए बदलावों और इनोवेशन के साथ पेश किया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कंपनी के लिए यह सफर आसान नहीं रहा।
टेक जगत में जहां गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग जैसी कंपनियां एआई आधारित फीचर्स पर जोर दे रही हैं, वहीं एप्पल अपने प्रोडक्ट्स में एआई को सीधे तौर पर प्रदर्शित करने से बचता दिख रहा है। यही वजह है कि iPhone Air के लॉन्च के बावजूद, उपभोक्ताओं और विश्लेषकों के बीच यह सवाल गूंज रहा है कि एप्पल अपनी एआई रणनीति को कब और कैसे सामने लाएगा।
iPhone Air को इसके हल्के वजन, आकर्षक डिजाइन और पावरफुल परफॉर्मेंस के लिए सराहा जा रहा है। यह डिवाइस न सिर्फ उपयोगकर्ताओं को स्मूद अनुभव प्रदान करता है बल्कि बैटरी परफॉर्मेंस और कैमरा क्वालिटी में भी सुधार लेकर आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि एप्पल ने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों को और बेहतर बनाने में काफी निवेश किया है, लेकिन एआई फीचर्स की कमी भविष्य में कंपनी की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकती है।
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टेक विश्लेषक बताते हैं कि एप्पल आमतौर पर तब तक किसी बड़े फीचर को पेश नहीं करता जब तक वह परिपक्व और उपयोगकर्ता अनुभव के अनुरूप न हो। यही कारण है कि कंपनी एआई को लेकर अब तक सतर्क रवैया अपनाए हुए है।
भले ही iPhone Air ने उपभोक्ताओं का ध्यान आकर्षित किया हो, लेकिन अब सबकी निगाहें एप्पल की एआई रणनीति पर टिकी हैं।
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