नए रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि ChatGPT की कुछ निजी बातचीतें गूगल सर्च परिणामों में दिखाई दे रही हैं, जिससे डेटा प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने बताया है कि उन्होंने सर्च इंजन पर विशेष फिल्टर का उपयोग करके निजी चैट्स तक पहुंच बना ली।
यह घटना तब सामने आई जब कुछ लोगों ने गूगल सर्च के माध्यम से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई गईं, लेकिन कथित तौर पर निजी मानी जाने वाली बातचीतों को देखा। इससे चिंता बढ़ गई है कि कहीं AI चैट प्लेटफॉर्म्स की प्राइवेसी सेटिंग्स में खामियां तो नहीं हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या संभवतः चैट आर्काइविंग या इंडेक्सिंग से जुड़ी हो सकती है, जहां उपयोगकर्ता की जानकारी अनजाने में सार्वजनिक हो रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये चैट्स सीधे तौर पर किसी उपयोगकर्ता की निजी जानकारी से जुड़ी हैं या केवल सार्वजनिक रूप से साझा किए गए लिंक सर्च में दिख रहे हैं।
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ChatGPT का संचालन करने वाली कंपनी ने इस मुद्दे पर फिलहाल आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में उपयोगकर्ताओं को अपनी चैट हिस्ट्री को सार्वजनिक रूप से साझा करने में सतर्क रहना चाहिए।
डेटा गोपनीयता के समर्थकों का कहना है कि यह घटना तकनीकी कंपनियों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें AI प्लेटफॉर्म्स पर यूज़र डेटा सुरक्षा को और मजबूत बनाना होगा। उपयोगकर्ताओं से भी सलाह दी जा रही है कि वे चैट सेटिंग्स और शेयरिंग विकल्पों की दोबारा जांच करें।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि डिजिटल युग में प्राइवेसी की सुरक्षा कितनी चुनौतीपूर्ण है और तकनीकी कंपनियों को इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
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