गूगल ने अमेरिका के टेनेसी राज्य में स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) लगाने की योजना की घोषणा की है। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि बिग टेक कंपनियों को अपने ऊर्जा-गहन डेटा केंद्रों के संचालन के लिए भारी मात्रा में बिजली की आवश्यकता है, खासकर जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों के तेज विस्तार के बीच।
स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर पारंपरिक परमाणु संयंत्रों की तुलना में छोटे और अधिक लचीले होते हैं। इन्हें तेज़ी से स्थापित किया जा सकता है और ये सुरक्षित, विश्वसनीय तथा निरंतर ऊर्जा आपूर्ति प्रदान करने में सक्षम माने जाते हैं। गूगल का कहना है कि यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देगी और भविष्य के डेटा केंद्रों को स्थायी बिजली उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
बढ़ती डिजिटल मांग और AI के विकास के कारण डेटा प्रोसेसिंग की ऊर्जा खपत तेजी से बढ़ रही है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के पर्यावरणीय प्रभाव को देखते हुए, टेक कंपनियां अब परमाणु ऊर्जा जैसी शून्य-कार्बन विकल्पों की ओर रुख कर रही हैं।
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विशेषज्ञों के अनुसार, टेनेसी में SMR परियोजना न केवल गूगल की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि अमेरिका के ऊर्जा क्षेत्र में भी उन्नत परमाणु तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी। यह कदम कार्बन उत्सर्जन को घटाने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लक्ष्य के अनुरूप है।
गूगल ने स्पष्ट किया है कि इस परियोजना का उद्देश्य न केवल कंपनी के संचालन को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि भविष्य की तकनीकों को भी पर्यावरण के अनुकूल दिशा में आगे बढ़ाना है।
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