मेटा के सह-संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चैन द्वारा स्थापित गैर-लाभकारी संस्था चैन-जुकरबर्ग इनिशिएटिव (CZI) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अब बीमारियों के इलाज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर केंद्रित होगी। संस्था ने अपने संचालन को पुनर्गठित करते हुए कहा कि उसका उद्देश्य एआई की मदद से वैज्ञानिक खोजों को तेज करना और मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
यह संगठन 2015 में स्थापित किया गया था, जब जुकरबर्ग दंपति ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सामाजिक न्याय, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे परोपकारी कार्यों के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया था। अब, संस्था की प्राथमिकता एक विशेष वैज्ञानिक केंद्र — बायोहब (Biohub) — के तहत काम कर रही टीमों पर है, जो एआई आधारित जैविक अनुसंधान को आगे बढ़ा रही हैं।
बायोहब के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, “हम विज्ञान के एक निर्णायक मोड़ पर हैं, जहां एआई संचालित अनुसंधान भविष्य को बदल सकता है। अगले कुछ वर्षों में ऐसे शक्तिशाली एआई सिस्टम विकसित किए जा सकते हैं जो जीवविज्ञान को समझने और बीमारियों के समाधान को तेज करने में मदद करेंगे।”
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इस मिशन के तहत मानव प्रतिरक्षा प्रणाली का एआई मॉडल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बीमारियों की पहचान और रोकथाम में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
जुकरबर्ग दंपति की इस पहल का पहला निवेश सिलिकॉन वैली में स्थापित बायोहब था, जहां वैज्ञानिक और शोधकर्ता मिलकर नई जैव प्रौद्योगिकियां विकसित कर रहे हैं।
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