महिंद्रा एंड महिंद्रा ने साफ किया है कि कंपनी आने वाले समय में सीएनजी या अन्य वैकल्पिक ईंधन टेक्नोलॉजी वाले वाहन पेश करने की योजना नहीं रखती। कंपनी अपने मुख्य ब्रांड पहचान—प्रीमियम और अलग पहचान वाली एसयूवी तथा इलेक्ट्रिक वाहनों—पर ही कायम रहना चाहती है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसका उद्देश्य घरेलू पैसेंजर व्हीकल बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।
महिंद्रा के ऑटोमोटिव बिजनेस के अध्यक्ष आर. वेलुसामी ने पीटीआई से बातचीत में बताया कि उनकी कंपनी का फोकस अब भी आईसीई (इंटरनल कम्बशन इंजन) और इलेक्ट्रिक तकनीक पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “हमारे पर्सनल व्हीकल ग्राहकों की मांग अलग और प्रीमियम उत्पादों की है। वे मास-मार्केट वाहनों में दिलचस्पी नहीं रखते। इसलिए हमारा पूरा ध्यान एसयूवी सेगमेंट पर है।”
वेलुसामी ने आगे कहा कि कंपनी अगले चार वर्षों में कई नई एसयूवी लॉन्च करने की तैयारी में है। हालांकि, महिंद्रा का फिलहाल मल्टी-पर्पज व्हीकल (एमपीवी) सेगमेंट में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने बताया कि महिंद्रा घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाए रखने के लिए ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने और तकनीकी उन्नयन पर काम कर रही है। एसयूवी सेगमेंट में लगातार वृद्धि हो रही है और कंपनी 2029 तक कई नए मॉडल पेश करने की योजना बना रही है।
इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में भी महिंद्रा आक्रामक रणनीति अपना रही है। कंपनी इस वित्त वर्ष के अंत तक लगभग 7,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचने का लक्ष्य रखती है। साथ ही 2028 तक कंपनी की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी लगभग 25% तक पहुंचाने की योजना है।
पिछले सात महीनों में महिंद्रा ने बीई 6 और XEV 9 जैसे मॉडलों सहित 30,000 से अधिक ईवी बेचकर लगभग 8,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।