सुपरस्टार रजनीकांत के सिनेमा करियर को 50 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर हम आपको ले चलते हैं उस ऐतिहासिक घर में, जहां उनकी पहली फिल्म अपूरवा रागंगल की शूटिंग हुई थी। के. बालाचंदर निर्देशित इस फिल्म ने 1975 में रजनीकांत को तमिल फिल्म इंडस्ट्री में लॉन्च किया था और यहीं से उनके शानदार करियर की शुरुआत हुई।
चेन्नई के अडयार इलाके में स्थित यह घर आज भी उसी अंदाज में मौजूद है जैसा 50 साल पहले था। फिल्म के कई यादगार सीन इसी घर में फिल्माए गए थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, शूटिंग के दौरान बालाचंदर ने रजनीकांत की प्रतिभा को पहली बार पहचाना और उन्हें एक मजबूत रोल दिया, जिसने उनके करियर की दिशा बदल दी।
रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए यह घर किसी तीर्थस्थल से कम नहीं है। यहां आने वाले लोग न केवल उनकी पहली फिल्म की झलकियों को याद करते हैं बल्कि उस समय की शूटिंग की कहानियां भी सुनते हैं।
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वर्तमान में रजनीकांत की नई फिल्म कूली को लेकर फैंस में जबरदस्त उत्साह है। लेकिन अपूरवा रागंगल का यह घर उनकी जड़ों की याद दिलाता है और यह दिखाता है कि कैसे एक साधारण अभिनेता धीरे-धीरे सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार में बदल गया।
फिल्म विशेषज्ञों का कहना है कि रजनीकांत की यात्रा संघर्ष, मेहनत और प्रतिभा की अनूठी कहानी है। इस घर का महत्व केवल उनकी पहली फिल्म की शूटिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके 50 साल लंबे करियर का प्रतीक भी है।