ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को दिल्ली हाईकोर्ट में आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने वेब सीरीज़ “The Ba**ds of Bollywood”* पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। वानखेड़े ने दावा किया है कि यह सीरीज़ उनके प्रति मानहानिकारक है और इसे कई वेबसाइटों से हटाया जाना चाहिए।
नेटफ्लिक्स की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव नायर ने अदालत को बताया कि सीरीज़ व्यंग्य (satire) और डार्क कॉमेडी के रूप में बॉलीवुड की संस्कृति को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वानखेड़े एक डेढ़ मिनट के व्यंग्यात्मक दृश्य पर जरूरत से ज्यादा संवेदनशील हो रहे हैं। वकील ने दलील दी कि मानहानि साबित करने की सीमा बहुत ऊंची है, जिसे ट्रायल के दौरान ही सिद्ध किया जा सकता है।
नायर ने कहा कि केवल इतना दिखाना कि शो में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से संबंधित संदर्भ हैं, मानहानि साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि पूरी सीरीज़ बॉलीवुड के कामकाज और उसकी खामियों पर व्यंग्य करती है।
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अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर तय की है और वानखेड़े से लिखित जवाब मांगा है। शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने भी याचिका का विरोध किया, यह कहते हुए कि मामले की क्षेत्रीय न्यायिक सीमा (territorial jurisdiction) दिल्ली की नहीं है और वानखेड़े "फोरम शॉपिंग" कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि मामला मुंबई में दायर होना चाहिए था।
रेड चिलीज़ ने अपने जवाब में कहा कि सीरीज़ एक वैध कलात्मक अभिव्यक्ति और सामाजिक टिप्पणी है, जिसमें बॉलीवुड के अंदर मौजूद नेपोटिज़्म, पापाराज़ी संस्कृति, व्यभिचार और नए कलाकारों की चुनौतियों को व्यंग्यात्मक ढंग से दिखाया गया है।
वानखेड़े ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि यह सामग्री 2021 के ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बनाई गई है। उन्होंने रेड चिलीज़ और नेटफ्लिक्स पर 2 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा किया है, जिसे वह कैंसर मरीजों के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल को दान करना चाहते हैं।
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