पोलिश फिल्म निर्देशक अग्निएश्का हॉलैंड ने 50वें पोलिश फिल्म महोत्सव, ग्दिन्या में कहा कि हम दूसरी विश्व युद्ध के बाद स्थापित साझा मूल्यों और समझ को धीरे-धीरे खो रहे हैं। उन्होंने अपने भाषण में साहित्यकार फ्रांज काफ्का की चेतावनियों का हवाला देते हुए कहा कि अधीरता और उदासीनता समाज में खतरनाक प्रभाव डाल सकती है।
हॉलैंड ने बताया कि काफ्का ने पहले ही लिखा था कि जब लोग धैर्य और मानवीय संवेदनाओं को त्याग देते हैं, तब समाज में असहिष्णुता और अलगाव बढ़ते हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि आधुनिक दुनिया में यह प्रवृत्ति फिर से दिखाई दे रही है, जहां राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मतभेदों को असभ्य ढंग से प्रदर्शित किया जा रहा है।
फिल्म महोत्सव में हॉलैंड ने जोर देकर कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का उपकरण भी है। उन्होंने युवा फिल्म निर्माताओं से अपील की कि वे ऐसे काम करें जो मानवीय मूल्यों और इतिहास की सीख को लोगों तक पहुंचाएं, ताकि समाज में सामूहिक समझ और सहिष्णुता बनी रहे।
महोत्सव में हॉलैंड की बातें दर्शकों और फिल्मकारों के बीच गहन चर्चा और विचार-विमर्श का विषय बन गईं। उनके विचार इस बात की याद दिलाते हैं कि इतिहास से सीखी गई सीखों को भुलाना और उदासीन होना लंबे समय में समाज के लिए खतरनाक हो सकता है।
हॉलैंड की यह चिंता विश्वभर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सुरक्षा और संरक्षण के महत्व को उजागर करती है।