एक हालिया शोध ने लाखों लोगों की जीवनशैली और सप्लीमेंट आदतों का गहराई से अध्ययन किया और नतीजा चौंकाने वाला रहा। शोधकर्ताओं का कहना है कि रोज़ाना मल्टीविटामिन लेने से इंसान की उम्र बढ़ने से कोई सीधा संबंध नहीं है।
इस अध्ययन में अमेरिका के 3 बड़े कोहॉर्ट्स से 3,90,124 स्वस्थ वयस्कों को शामिल किया गया, जिन्हें 20 से अधिक वर्षों तक ट्रैक किया गया। शुरुआत में किसी भी प्रतिभागी को कैंसर या गंभीर बीमारी नहीं थी। रिसर्च टीम ने उम्र, लिंग, जातीयता, शिक्षा, धूम्रपान, वजन और डाइट जैसी सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए मल्टीविटामिन लेने वालों और न लेने वालों की तुलना की।
लंबे अध्ययन के दौरान 1,64,762 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें कैंसर, हृदय रोग और मस्तिष्क संबंधी बीमारियाँ शामिल थीं। नतीजा यह रहा कि मल्टीविटामिन लेने वालों में मृत्यु दर कम नहीं हुई। शुरुआती सालों में तो रोज़ाना लेने वालों में मौत का जोखिम 4% अधिक दर्ज किया गया।
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यह निष्कर्ष नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की डॉ. एरिका लॉफ्टफील्ड की टीम ने साझा किया। उनका कहना था कि मल्टीविटामिन का इस्तेमाल “मृत्यु दर से जुड़ा कोई लाभ नहीं” दिखाता है।
पिछले अध्ययनों से भी यही तस्वीर सामने आई है। 2022 में यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स ने कहा था कि हृदय रोग या कैंसर रोकथाम के लिए मल्टीविटामिन लेने के फायदों पर सबूत अपर्याप्त हैं। एक बड़े परीक्षण में 14,000 से अधिक चिकित्सकों पर किया गया अध्ययन भी यही बताता है कि मल्टीविटामिन का प्रमुख बीमारियों पर असर नहीं पड़ता।
फिर भी, कई लोग आज भी मल्टीविटामिन इसलिए लेते हैं ताकि उन्हें मानसिक सुकून रहे या असंतुलित डाइट की कमी पूरी हो सके। अमेरिका में हर तीन में से एक वयस्क मल्टीविटामिन का इस्तेमाल करता है। हालांकि शोधकर्ता मानते हैं कि सप्लीमेंट लेने वालों की जीवनशैली पहले से ही बेहतर होती है, जिससे भ्रम पैदा हो सकता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह निष्कर्ष स्वस्थ वयस्कों के लिए है। अगर किसी को किसी खास विटामिन या मिनरल की कमी है, तो डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट ज़रूरी हो सकते हैं। जैसे गर्भधारण की योजना बना रही महिलाओं को फॉलिक एसिड लेना चाहिए।
मल्टीविटामिन मृत्यु दर को प्रभावित न करें, फिर भी इनका असर ऊर्जा, मूड, इम्यूनिटी या आंखों की सेहत जैसे क्षेत्रों में अलग हो सकता है। शोध अभी जारी है, लेकिन जीवन लंबा और स्वस्थ बनाने के लिए सबसे मजबूत उपाय वही पुराने हैं – धूम्रपान से बचें, नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, अच्छी नींद लें और रक्तचाप व शुगर नियंत्रित रखें।