अमेरिका में टेक्नोलॉजी के तेजी से विस्तार के बीच डेटा सेंटरों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन इनका असर आसपास रहने वाले लोगों के जीवन पर गंभीर रूप से पड़ रहा है। एक ताज़ा रिपोर्ट में सामने आया है कि एक अमेरिकी डेटा सेंटर के पास रह रहे नागरिकों को अब अपने पीने के पानी पर भरोसा नहीं रह गया है।
45 वर्षीय एक स्थानीय निवासी ने कहा, “मैं ये पानी नहीं पी सकता।” उनका मानना है कि डेटा सेंटर की भारी जल खपत और उत्सर्जन से जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में रहने वाले कई परिवारों को अब पीने योग्य पानी के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
डेटा सेंटर, जो बड़ी मात्रा में बिजली और पानी की खपत करते हैं, स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं। जल स्रोतों का अत्यधिक दोहन और संभावित रसायनिक अपशिष्ट जल प्रदूषण का कारण बन रहा है। यह न केवल पर्यावरणीय संकट है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुका है।
स्थानीय समुदायों ने प्रशासन और कंपनियों से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की है। लोगों का कहना है कि उन्हें न तो पर्यावरणीय प्रभाव का पहले से आकलन बताया गया, और न ही अब उचित समाधान मिल रहा है।
यह मामला अब अमेरिका में डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर एक नई बहस को जन्म दे रहा है।