सांस फूलना केवल शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह मानसिक थकान, घबराहट और असहायता की भावना भी उत्पन्न करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि इस स्थिति से निपटने के लिए गाना गाना, ध्यान लगाना, और श्वसन व्यायाम जैसे समग्र उपाय प्रभावी सिद्ध हो सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ की 2023 की रिपोर्ट में कहा गया कि कला और संगीत का स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण में अहम योगदान है। रिपोर्ट के अनुसार, जब इन गतिविधियों को चिकित्सकीय उपचार के साथ जोड़ा जाता है, तो यह मरीजों को राहत और आत्मविश्वास दोनों प्रदान करती हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि दवाओं के साथ होलिस्टिक (समग्र) अभ्यासों को जोड़ना सांस फूलने की पुरानी समस्या से निपटने का संतुलित तरीका है। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. नीतू जैन के अनुसार, “श्वसन व्यायाम फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं और लंबे समय तक चलने वाली सांस की दिक्कत में विशेष मददगार हैं।”
उन्होंने बताया कि ‘पर्स्ड लिप ब्रीदिंग’ (pursed-lip breathing) जैसी तकनीकें बहुत प्रभावी हैं। इसमें नाक से धीरे-धीरे सांस अंदर लेकर होंठों को हल्का सिकोड़कर बाहर छोड़ा जाता है, जिससे वायुमार्ग लंबे समय तक खुले रहते हैं और सांस फूलने की समस्या कम होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन तकनीकों के साथ हल्की शारीरिक गतिविधि — जैसे योग, ध्यान और धीमी चाल में टहलना — भी फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
डब्ल्यूएचओ का मानना है कि ऐसे समग्र उपाय न केवल शारीरिक आराम प्रदान करते हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सशक्त बनाते हैं, जिससे मरीजों की जीवन गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होता है।