प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार में जनसभाओं के दौरान आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार अनिच्छा से घोषित किया, और यह निर्णय आरजेडी के दबाव में लिया गया। मोदी ने कहा कि आरजेडी ने कांग्रेस के सिर पर "कट्टा" रखकर यह निर्णय मनवाया।
उन्होंने भोजपुर और नवादा में रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि आरजेडी की राजनीति ‘जंगलराज’ से प्रेरित है और ऐसे तत्व बिहार का भला नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस वास्तव में आरजेडी को हराना चाहती थी, लेकिन अब दोनों दल चुनाव के बाद एक-दूसरे से भिड़ेंगे।
बिना नाम लिए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “जंगलराज का युवराज” दूसरे “युवराज” की यात्राओं से परेशान है, इसलिए आरजेडी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की सीट पर अपना प्रत्याशी खड़ा किया। मोदी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि चुनाव के बाद दोनों सहयोगी दल “एक-दूसरे के सिर फोड़ेंगे।”
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प्रधानमंत्री ने एनडीए की "रिकॉर्ड जीत" का दावा करते हुए कहा कि बिहार को एक दूरदर्शी और ईमानदार सरकार मिलेगी, जो “विकसित भारत” के निर्माण में योगदान देगी। उन्होंने कहा कि “जंगलराज वाले” इस बार इतिहास की सबसे बड़ी हार झेलेंगे।
मोदी ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि आरजेडी और कांग्रेस केवल दो परिवारों की परवाह करते हैं — एक जो बिहार में सबसे भ्रष्ट है और दूसरा जो देश में सबसे भ्रष्ट है। उन्होंने कांग्रेस पर 1984 के सिख दंगों के दोषियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 की समाप्ति, ‘ऑपरेशन सिंदूर’, वन रैंक वन पेंशन और बिहार में बिजली-सड़क जैसी योजनाओं की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एनडीए का घोषणापत्र ईमानदार है जबकि महागठबंधन का दस्तावेज़ “झूठ का पुलिंदा” है।
नवादा में उन्होंने नक्सलवाद पर सख्त रुख जताते हुए चेताया कि “शहरी नक्सल” अब नए खतरे हैं। उन्होंने बिहारवासियों से अपील की कि छठ पूजा के बाद भी राज्य में रुककर मतदान करें और “जंगलराज” की वापसी को रोकें।
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