तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए भारी टैरिफ ने राज्य के सबसे अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों को गहरे संकट की ओर धकेल दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो इसके प्रभाव पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकते हैं।
अपने पत्र में स्टालिन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को “दंडात्मक” करार देते हुए कहा कि इससे तमिलनाडु के वस्त्र, परिधान, चमड़ा और जूता उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है। ये उद्योग न केवल राज्य बल्कि पूरे भारत के निर्यात विनिर्माण की रीढ़ माने जाते हैं और इनमें लाखों श्रमिकों को रोजगार मिलता है।
मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि इन टैरिफ के कारण कई निर्यात ऑर्डर रद्द या स्थगित हो रहे हैं, जिससे उत्पादन घट रहा है। इसका सीधा असर श्रमिकों पर पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि पहले ही कई इकाइयों में छंटनी शुरू हो चुकी है और कई जगहों पर मजदूरी भुगतान को टालना पड़ रहा है।
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स्टालिन ने लिखा, “लाखों नौकरियां दांव पर लगी हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही, तो इससे न केवल उद्योग बल्कि पूरे समुदायों की आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी, क्योंकि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में परिवारों की आजीविका इन्हीं उद्योगों पर निर्भर है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार अमेरिका के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक स्तर पर तत्काल हस्तक्षेप करे, ताकि भारतीय निर्यातकों को राहत मिल सके। उन्होंने सुझाव दिया कि वैकल्पिक बाजारों की तलाश, निर्यात प्रोत्साहन और प्रभावित उद्योगों के लिए विशेष सहायता पैकेज पर भी विचार किया जाना चाहिए।
पत्र में यह भी रेखांकित किया गया कि तमिलनाडु का वस्त्र और परिधान उद्योग लंबे समय से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा रहा है और इस संकट से भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार साख को भी नुकसान पहुंच सकता है।
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