वर्ल्ड ट्रेड सेंटर्स एसोसिएशन (WTCA) के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उपाध्यक्ष स्कॉट वांग ने बातचीत में कहा कि वैश्वीकरण की लहर जो 1990 और 2000 के दशक में आई थी, उसने देशों में असमान आर्थिक वृद्धि को जन्म दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि आज कई देश अपने-अपने हितों को प्राथमिकता देते हुए अंदरूनी और संरक्षणवादी व्यापार नीतियों की ओर झुक रहे हैं।
वांग ने स्वीकार किया कि वैश्विक व्यापार का परिदृश्य अब पहले की तुलना में अधिक विखंडित और विभाजित हो गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों की सरकारें अब स्थानीय उद्योगों की रक्षा के लिए आयात पर सीमाएं लगा रही हैं और मुक्त व्यापार समझौतों से दूरी बना रही हैं।
वांग के अनुसार, यह रुझान केवल विकासशील देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि विकसित देश भी अब अपनी आर्थिक सुरक्षा और रोज़गार संरक्षण को लेकर पहले से अधिक सतर्क हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस विखंडन से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित हो रही हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विश्वास भी डगमगा रहा है।
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उन्होंने सुझाव दिया कि व्यापार में स्थिरता और सहयोग बनाए रखने के लिए देशों को फिर से बहुपक्षीय संवाद की ओर लौटना होगा और ऐसी नीतियों को अपनाना होगा जो समान विकास को बढ़ावा दें।
यह बयान ऐसे समय आया है जब दुनिया भर में संरक्षणवाद और व्यापारिक टकराव की प्रवृत्ति तेज़ हो रही है।
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