आंध्र प्रदेश टीचर्स फेडरेशन (APTF) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह स्कूल छोड़ चुके छात्रों के पुनः नामांकन की दिशा में गंभीर प्रयास करे। संगठन के नेता बंकुरु जोगिनायडु ने कहा कि अगर राज्य सरकार प्रत्येक सरकारी स्कूल में कम से कम दो शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करती है, तो जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजा है, वे उन्हें दोबारा सरकारी स्कूलों में दाखिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों की हालत लगातार खराब हुई है, जिससे छात्रों का नामांकन घटा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए सबसे पहला कदम यह होना चाहिए कि छात्रों के ड्रॉपआउट को रोका जाए और पहले से बाहर हो चुके बच्चों को वापस लाया जाए।
जोगिनायडु ने कहा कि सरकार ने स्कूल शिक्षा के लिए कई घोषणाएं की हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर शिक्षकों की भारी कमी अभी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। कई स्कूलों में तो एक ही शिक्षक है, जो सभी कक्षाओं को पढ़ा रहा है। ऐसी स्थिति में न तो पढ़ाई ठीक से हो पा रही है, और न ही छात्रों को स्कूल में रुचि हो रही है।
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एपीटीएफ ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को शिक्षा के बजट में बढ़ोतरी करनी चाहिए और शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करना चाहिए। यदि यह कदम तुरंत उठाए जाते हैं, तो सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में वृद्धि और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव है।
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