बिहार में कथित मॉब लिंचिंग की एक गंभीर घटना में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 40 वर्षीय कपड़ा विक्रेता मोहम्मद अथर हुसैन की मौत के बाद की गई, जिनका 12 दिसंबर 2025 को नालंदा के पावापुरी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। हुसैन नालंदा जिले के गगन देवन इलाके के रहने वाले थे और साइकिल पर कपड़े बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।
पुलिस के अनुसार, 5 दिसंबर 2025 को नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र अंतर्गत भट्टापुर गांव में कथित तौर पर हुसैन को उनके धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया। आरोप है कि उन्हें पहले प्रताड़ित किया गया और फिर भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटा गया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
बिहार पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
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इस घटना के सामने आने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
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