नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन ऑपरेटरों को चेतावनी दी है कि नियामक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने में उनकी अपर्याप्त तैयारियां विमानन सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती हैं। डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा मानकों में किसी भी तरह की लापरवाही न केवल यात्रियों की जान के लिए खतरा बन सकती है, बल्कि पूरे विमानन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
डीजीसीए ने कहा कि वह उड़ान सुरक्षा, परिचालन दक्षता और समग्र विमानन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से विभिन्न परिचालन नियम और दिशा-निर्देश जारी करता है। ये नियम सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CARs), एयरोनॉटिकल इंफॉर्मेशन सर्कुलर (AICs) और अन्य अधिसूचनाओं के माध्यम से लागू किए जाते हैं। इन सभी नियमों का पालन एयरलाइन ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य है।
नियामक संस्था ने यह भी रेखांकित किया कि कुछ मामलों में एयरलाइंस द्वारा नियमों के अनुपालन में ढिलाई देखी गई है, जिससे परिचालन में बाधाएं उत्पन्न होती हैं और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनियों से आग्रह किया है कि वे सुरक्षा नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके कर्मचारी, क्रू और ग्राउंड स्टाफ सभी प्रक्रियाओं के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित और तैयार हों।
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इसके अलावा, डीजीसीए ने एयरलाइनों को चेताया कि नियमों की अनदेखी करने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना, परिचालन प्रतिबंध या अन्य दंडात्मक कदम शामिल हो सकते हैं। नियामक ने यह भी कहा कि सुरक्षा से जुड़ी किसी भी चूक को गंभीरता से लिया जाएगा।
डीजीसीए का कहना है कि बेहतर योजना, समय पर तैयारी और नियमों के कड़ाई से पालन से न केवल उड़ान सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि यात्रियों का भरोसा भी बढ़ेगा और विमानन क्षेत्र की समग्र विश्वसनीयता में सुधार होगा।
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