प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इतिहास की पहली छापेमारी करते हुए एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश किया है। यह छापेमारी अंडमान निकोबार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के वितरण में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत की गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि बैंक में बड़े पैमाने पर फर्जी ऋण और ओवरड्राफ्ट स्वीकृत किए गए थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बिना पर्याप्त सुरक्षा और जांच-पड़ताल के करोड़ों रुपये के ऋण जारी किए गए, जिससे बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
ईडी ने कहा कि यह छापेमारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है और भविष्य में इसमें शामिल व्यक्तियों और अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। यह मामला राज्य में सहकारी बैंकों की पारदर्शिता और वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाता है।
और पढ़ें: ईडी हर हद पार कर रही है: CJI का कड़ा रुख, सॉलिसिटर जनरल बोले – एजेंसी पर न करें सामान्य टिप्पणी
अंडमान-निकोबार में यह पहली बार है जब ईडी ने किसी वित्तीय संस्थान पर सर्च ऑपरेशन चलाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम द्वीप समूह में वित्तीय अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत देता है और अन्य बैंकों को भी सतर्क संदेश भेजता है।
जांच एजेंसी का मानना है कि इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी और स्थानीय व्यवसायी शामिल हो सकते हैं। ईडी ने संकेत दिया कि आगे की जांच में और लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है तथा मामले को अदालत में लाया जाएगा।
और पढ़ें: रामप्रस्थ समूह के दो प्रमोटर ₹1,100 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार