कर्नाटक के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दर्ज कई दुष्कर्म मामलों में से पहले मामले का फैसला 30 जुलाई को आने की संभावना है। यह मामला हासन जिले के गन्निकाडा फार्महाउस का है, जहां एक 48 वर्षीय महिला घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थी। महिला ने आरोप लगाया है कि प्रज्वल रेवन्ना ने उसके साथ दो बार दुष्कर्म किया और इस कृत्य का वीडियो अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया।
पीड़िता का कहना है कि घटना के समय वह रेवन्ना के परिवार के लिए काम कर रही थी और उसने दबाव व धमकी के कारण लंबे समय तक शिकायत दर्ज नहीं कराई। बाद में उसने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद यह मामला अदालत में पहुंचा।
रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के परिवार से आते हैं, पर कई महिलाओं ने यौन शोषण और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला उन कई मामलों में से एक है जो उनके खिलाफ दर्ज किए गए हैं।
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इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत 30 जुलाई को अपना पहला फैसला सुना सकती है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न केवल पीड़िता के लिए बल्कि अन्य आरोपित मामलों की दिशा तय करने में भी अहम साबित होगा।
मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि रेवन्ना का परिवार कर्नाटक की राजनीति में प्रभावशाली माना जाता है। इस मामले ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग पर नई बहस को जन्म दिया है।
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