दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं। अदालत ने यह निर्णय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर आरोपपत्र के आधार पर लिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन का ठेका अनुचित तरीके से निजी कंपनी को सौंपा था।
सीबीआई के अनुसार, यह सौदा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत किया गया था, लेकिन इसके बदले कथित तौर पर पटना में कीमती जमीन एक सहयोगी कंपनी के नाम पर हस्तांतरित कराई गई। आरोप है कि इस प्रक्रिया में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव भी लाभान्वित हुए।
अदालत ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए पाया कि प्रथम दृष्टया मामले में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। अदालत ने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि उन्हें अदालत में परीक्षण के लिए भेजा जाना चाहिए।
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लालू यादव, जिन्होंने सुनवाई के दौरान सभी आरोपों से इनकार किया और इसे राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि वह कानून पर पूरा भरोसा रखते हैं। मामले की अगली सुनवाई अगले महीने निर्धारित की गई है।
यह घोटाला वर्ष 2006 का है, जब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। अदालत का यह कदम आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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