असम के कार्बी आंगलोंग जिले में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अहम हस्तक्षेप किया। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार ने विवादित जमीन पर स्थित सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के ट्रेड लाइसेंस रद्द करने और खाली पड़ी जमीन को घेराबंदी (फेंसिंग) करने का फैसला लिया है। यह निर्णय जिले में बढ़ते तनाव और हिंसा के मद्देनजर लिया गया है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि पश्चिम कार्बी आंगलोंग में ग्राम चराई आरक्षित भूमि (विलेज ग्रेजिंग रिजर्व – VGR) और पेशेवर चराई आरक्षित भूमि (प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व – PGR) पर अतिक्रमण को लेकर गुवाहाटी हाईकोर्ट में मामले लंबित हैं। जब तक अदालत में यह मामले चल रहे हैं, तब तक शेष खाली PGR और VGR भूमि को सुरक्षित रखने के लिए चारों ओर बाड़ लगाई जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन आरक्षित भूमियों पर चल रहे सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के व्यापारिक लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी और क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी।
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यह फैसला शुक्रवार को कार्बी समुदाय के विभिन्न संगठनों और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (Karbi Anglong Autonomous Council) के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में हाल ही में हुई हिंसा, भूमि विवाद और स्थानीय लोगों की चिंताओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कार्बी समुदाय की भावनाओं और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही कानून के दायरे में रहकर सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं होगा और शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
राज्य सरकार के इस फैसले को कार्बी आंगलोंग में तनाव कम करने और भविष्य में हिंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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