केरल की सायरो-मालाबार चर्च से जुड़े एक कैथोलिक पादरी को कनाडा में यौन उत्पीड़न और यौन हस्तक्षेप के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। कनाडाई कानून में “सेक्शुअल इंटरफेरेंस” शब्द का प्रयोग 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ किए गए यौन अपराधों के लिए किया जाता है। आरोपी पादरी की पहचान फादर जेम्स चेरिकल के रूप में हुई है।
कनाडाई पुलिस के अनुसार, फादर जेम्स चेरिकल पर यौन उत्पीड़न से जुड़े कई आरोप लगाए गए हैं, जिनकी जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। हालांकि, पुलिस ने अभी मामले से जुड़े विस्तृत तथ्यों और पीड़ितों की संख्या के बारे में सार्वजनिक रूप से अधिक जानकारी साझा नहीं की है, क्योंकि जांच जारी है और यह एक संवेदनशील मामला है।
गिरफ्तारी के बाद टोरंटो के आर्चडायसिस (Archdiocese of Toronto) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फादर जेम्स चेरिकल को पादरी सेवाओं (पैस्टोरल मिनिस्ट्री) से हटा दिया है। आर्चडायसिस ने एक बयान में कहा कि चर्च बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और किसी भी तरह के दुर्व्यवहार या अपराध के आरोपों को बेहद गंभीरता से लेता है।
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चर्च प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेगा और कानूनी प्रक्रिया में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा। बयान में कहा गया कि जब तक मामले की पूरी जांच और न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक आरोपी पादरी को किसी भी धार्मिक गतिविधि या सेवा में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस घटना के सामने आने के बाद कनाडा और भारत, दोनों जगहों पर चर्च समुदाय के बीच चिंता और आक्रोश देखा जा रहा है। सायरो-मालाबार चर्च से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला एक बार फिर धार्मिक संस्थानों में जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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