मंगलुरु की एक अदालत ने 51 वर्षीय व्यक्ति मदारा को नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर दंड आवश्यक है।
मामले के अनुसार, आरोपी मदारा ने नाबालिग लड़की के साथ गंभीर यौन उत्पीड़न किया और फिर उसकी हत्या कर दी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार, गवाहों और उपलब्ध सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को दोषी पाया।
सजा सुनाते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि मदारा को हत्या के अपराध में मृत्युदंड और यौन उत्पीड़न (penetrative sexual assault) के अपराध में आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।
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इस फैसले को लेकर पीड़िता के परिवार ने न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह निर्णय उन सभी परिवारों के लिए उम्मीद का संदेश है, जिन्होंने अपने बच्चों को ऐसे अपराधों में खोया है।
मानवाधिकार संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी अदालत के इस फैसले को न्यायसंगत बताया और कहा कि ऐसे कठोर दंड समाज में नाबालिगों के खिलाफ अपराधों को रोकने में मददगार होंगे।
इस मामले ने न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा किया था। अदालत का यह निर्णय समाज को यह संदेश देता है कि नाबालिगों के खिलाफ जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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