प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 से 12 नवंबर तक भूटान के दो दिवसीय राजकीय दौरे पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा का उद्देश्य भारत और भूटान के बीच मित्रता और सहयोग के विशेष संबंधों को और मजबूत करना है।
दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से मुलाकात करेंगे और दोनों नेता मिलकर 1,020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिसे भारत और भूटान की सरकारों ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
प्रधानमंत्री भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के 70वें जन्मदिवस समारोह में भी शामिल होंगे और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, मोदी थिम्फू के ताशिच्होडजोंग में भगवान बुद्ध के पिपरहवा अवशेषों की पूजा करेंगे और ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भाग लेंगे।
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दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दो नई भारत-भूटान रेल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे — कोकराझार-गेलेफू लाइन (असम से दक्षिणी भूटान को जोड़ने वाली) और बनरहाट-सामत्से लाइन (पश्चिम बंगाल से दक्षिण-पश्चिम भूटान तक)।
कोकराझार-गेलेफू परियोजना की लागत ₹3,456 करोड़ है और इसमें छह स्टेशन, दो बड़े पुल, 65 छोटे पुल और 39 अंडरपास शामिल हैं। वहीं बनरहाट-सामत्से लाइन ₹577 करोड़ में तीन वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ये रेल परियोजनाएं दोनों देशों के बीच संपर्क को और मजबूत करेंगी तथा क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।
भारत भूटान का सबसे बड़ा विकास भागीदार बना हुआ है और उसने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना (2024-29) के तहत ₹10,000 करोड़ की सहायता का वादा किया है।
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