तमिलनाडु सरकार बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए श्रमिकों के पुनर्वास के लिए आवास संबंधी दिशानिर्देश तैयार करने पर विचार कर रही है। राज्य के एक मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि इन श्रमिकों को सुरक्षित और स्थायी आवास उपलब्ध कराया जाए, जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार अब तक बंधुआ मजदूरों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और अन्य योजनाओं के माध्यम से मदद देती रही है, लेकिन आवास की समस्या को लेकर व्यवस्थित नीति की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए सरकार दिशानिर्देश तैयार कर सकती है, जिसमें यह तय होगा कि मुक्त कराए गए श्रमिकों को कहाँ और किस प्रकार का आवास प्रदान किया जाए, किन विभागों की भूमिका होगी और इसके लिए वित्तीय संसाधन कैसे जुटाए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि बंधुआ मजदूरी की समस्या पूरी तरह खत्म करने के लिए पुनर्वास सबसे अहम कदम है। केवल श्रमिकों को छुड़ाना ही पर्याप्त नहीं है; उन्हें सुरक्षित जीवन, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा भी उपलब्ध कराना जरूरी है, ताकि वे दोबारा शोषण का शिकार न हों।
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएंगे। उद्देश्य यह है कि एक ऐसा ढांचा तैयार किया जाए जो बंधुआ मजदूरी से मुक्त श्रमिकों को स्थायी और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करे।
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