राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत में कुल 207 एसिड अटैक (अम्ल हमले) दर्ज किए गए, जिनमें से 57 मामले केवल पश्चिम बंगाल से सामने आए। इसका मतलब है कि देशभर में हुए कुल एसिड हमलों में से 27.5 प्रतिशत मामले अकेले पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कुल संख्या में हल्की गिरावट आई है, लेकिन एसिड हमलों के मामले अब भी चिंताजनक रूप से बने हुए हैं। पश्चिम बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में भी इस तरह के अपराध दर्ज किए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में एसिड हमलों के मामलों की अधिकता सामाजिक और व्यक्तिगत विवादों से जुड़ी हो सकती है, जिनमें प्रतिशोध की भावना प्रमुख कारण बनती है। इसके अलावा, एसिड की आसान उपलब्धता और पीड़ितों के लिए न्याय प्रक्रिया में देरी भी इन अपराधों को बढ़ावा देती है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न के मामले अब भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।
सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि सरकार को एसिड बिक्री पर कड़ा नियंत्रण, पीड़ितों के लिए त्वरित मुआवज़ा और कानूनी प्रक्रिया को तेज करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
यह रिपोर्ट इस बात की याद दिलाती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए केवल कानून बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके सख्त पालन और सामाजिक जागरूकता की भी जरूरत है।
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