मोरक्को और अल्जीरिया की सीमा के पास अत्यधिक ठंड के कारण नौ अफ्रीकी प्रवासियों की मौत हो गई है। उत्तर अफ्रीकी देश में सक्रिय मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना को बेहद चिंताजनक बताया है और इसे आवागमन की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया है। यह दर्दनाक घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब हर साल हजारों लोग बेहतर जीवन की तलाश में अवैध रूप से यूरोप पहुंचने की कोशिश करते हैं।
मोरक्को मानवाधिकार संघ (Moroccan Association of Human Rights) ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि सात पुरुषों और दो महिलाओं के शव रास असफूर इलाके से बरामद किए गए। यह मोरक्को का एक दूरदराज़ और पहाड़ी क्षेत्र है, जहां सर्दियों में तापमान बेहद नीचे चला जाता है। संगठन के अनुसार, इन प्रवासियों की मौत अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से हुई, जिसे उनके थके हुए शरीर सहन नहीं कर सके।
मानवाधिकार संगठन ने बताया कि मृतकों में से एक गिनी (Guinea) का नागरिक था, जबकि अन्य उप-सहारा अफ्रीका के विभिन्न देशों से थे। हालांकि, बाकी लोगों की पहचान से जुड़ी विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हो सकी है। इस मामले पर मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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हर वर्ष हजारों प्रवासी उत्तरी अफ्रीका से यूरोप जाने का प्रयास करते हैं। मोरक्को से स्पेन पहुंचने के लिए कई लोग सेउटा और मेलिला जैसे स्पेनिश एन्क्लेव्स की सीमा बाड़ों को पार करने या तैरकर जाने की कोशिश करते हैं। कुछ प्रवासी अटलांटिक महासागर के लंबे और खतरनाक रास्ते से कैनरी द्वीप समूह तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। मोरक्को की सुरक्षा एजेंसियां अक्सर ऐसी कोशिशों को नाकाम करने की जानकारी देती रहती हैं।
उत्तरी अफ्रीका यूरोप जाने वाले प्रवासियों के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट प्वाइंट माना जाता है। यूरोपीय संघ के साथ सुरक्षा समझौतों ने यहां के अधिकारियों को अवैध प्रवासन रोकने में और सक्षम बनाया है। कई प्रवासी महीनों या वर्षों तक अनौपचारिक काम—जैसे निर्माण, कृषि या घरेलू कार्य—करते हुए वहीं रह जाते हैं, जबकि कुछ लोग भूमध्य सागर या अटलांटिक महासागर पार करने के मौके का इंतजार करते हैं।
मानवाधिकार संघ ने बताया कि छह शवों को पिछले सप्ताह दफनाया गया, जबकि दो शवों को परिजनों के अनुरोध पर सुरक्षित रखा गया है। संगठन ने कहा कि वह इस मामले की लगातार निगरानी करेगा। वहीं, मोरक्को संगठन ऑफ ह्यूमन राइट्स ने सीमाओं के मानवीकरण, अवैध प्रवासन को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और लापता प्रवासियों को ट्रैक करने की व्यवस्था बनाने की मांग की है, ताकि रास असफूर जैसी त्रासदियों को रोका जा सके।
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