चेक गणराज्य के अरबपति व लोकप्रिय नेता आंद्रेज़ बाबिस ने मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। अक्टूबर में हुए संसदीय चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के बाद बाबिस का यह दोबारा सत्तासीन होना है। वे इससे पहले 2017 से 2021 तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
शपथ ग्रहण के दौरान बाबिस ने वादा किया कि वे चेक नागरिकों के हितों की रक्षा देश और दुनिया में हर स्तर पर करेंगे और चेक गणराज्य को “धरती पर जीवन के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान” बनाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। राष्ट्रपति पीटर पावेल ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई।
अक्टूबर 3-4 को हुए चुनावों में उनकी पार्टी एएनओ (YES Movement) ने बड़ी जीत दर्ज की, जिसके बाद उन्होंने दो अन्य दलों—फ्रीडम एंड डायरेक्ट डेमोक्रेसी (एंटी-इमिग्रेशन पार्टी) और मोटरिस्ट्स फॉर देमसेल्व्स (दक्षिणपंथी समूह)—के साथ गठबंधन बनाने पर सहमति दी। तीनों मिलकर 200 सदस्यीय संसद के निचले सदन में 108 सीटों के साथ बहुमत रखते हैं।
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गठबंधन ने 16 सदस्यीय मंत्रिमंडल पर सहमति जताई है, जिसमें एएनओ के पास आठ मंत्रालय होंगे, जबकि मोटरिस्ट्स के पास चार और फ्रीडम पार्टी के पास तीन मंत्रालय होंगे। हालांकि राष्ट्रपति पावेल पूरे मंत्रिमंडल की नियुक्ति कब करेंगे, यह स्पष्ट नहीं है।
नई सरकार के यूक्रेन को समर्थन सीमित करने और हंगरी व स्लोवाकिया जैसी नीतियां अपनाने की उम्मीद है। गठबंधन यूरोपीय संघ (EU) की पर्यावरण और प्रवासन नीतियों का विरोध करता है।
71 वर्षीय बाबिस पर EU सब्सिडी घोटाले से जुड़े धोखाधड़ी के आरोप अब भी लंबित हैं। संसद को उनका अभियोजन संरक्षण हटाना होगा, तभी अदालत फैसला सुना सकेगी। बाबिस ने हितों के टकराव से बचने के लिए अपने विशाल कारोबार — लगभग 200 कंपनियों वाले एग्रोफर्ट समूह — को स्वतंत्र ट्रस्ट में सौंपने की घोषणा की है।
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