ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित प्रसिद्ध बॉन्डी बीच पर रविवार शाम हुए एक भीषण आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत हो गई। यह हमला यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया, जो हनुक्का पर्व के पहले दिन के अवसर पर समुद्र तट पर एकत्र हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, यह 1996 में तस्मानिया के पोर्ट आर्थर में हुई सामूहिक गोलीबारी के बाद ऑस्ट्रेलिया का सबसे घातक हमला है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह एक “लक्षित आतंकी हमला” था। उन्होंने यहूदी विरोधी हिंसा (एंटी-सेमिटिज़्म) के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान करते हुए कहा, “हम इसे पूरी तरह खत्म करेंगे।”
न्यू साउथ वेल्स पुलिस आयुक्त माल लैन्यन ने बताया कि दो हमलावरों में से एक की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। इस हमले में कम से कम 29 लोग घायल हुए हैं, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सभी घायलों को सिडनी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
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रविवार शाम करीब 6:45 बजे, जब एक हजार से अधिक लोग “चानुक्का बाय द सी” कार्यक्रम में शामिल थे, तभी हथियारबंद हमलावरों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (ABC) द्वारा प्रसारित वीडियो में काले कपड़े पहने दो हमलावरों को फुटब्रिज से भीड़ पर फायरिंग करते देखा गया। एक अन्य अपुष्ट वीडियो में एक आम नागरिक को एक हमलावर को काबू कर हथियार छीनते हुए दिखाया गया।
पुलिस ने बताया कि मृत हमलावर से जुड़े एक वाहन से एक अस्थायी विस्फोटक उपकरण (IED) भी बरामद किया गया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हमले में कोई तीसरा आरोपी शामिल था।
इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन साआर ने इस घटना को ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते यहूदी विरोधी हमलों का नतीजा बताया। वहीं, इज़राइली राष्ट्रपति आइज़ैक हर्ज़ोग ने इसे “हनुक्का का पहला दीप जलाने आए यहूदियों पर किया गया क्रूर हमला” करार दिया।
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