ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच में हुए भीषण गोलीकांड के पीड़ित परिवारों ने देश में यहूदी-विरोधी भावना (एंटीसेमिटिज़्म) के “तेज़ी से बढ़ते खतरे” को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग की है। पीड़ित परिवारों ने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ से आग्रह किया है कि वे एक कॉमनवेल्थ रॉयल कमीशन का गठन करें, जो एक स्वतंत्र सार्वजनिक जांच होती है। परिवारों का कहना है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में और निर्दोष जानें जा सकती हैं।
14 दिसंबर को सिडनी के बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। अधिकारियों के अनुसार यह एक यहूदी-विरोधी आतंकी हमला था। इस हमले के आरोप में पिता-पुत्र साजिद अकरम और नावीद अकरम पर आरोप लगाए गए हैं।
सोमवार (29 दिसंबर 2025) को जारी एक पत्र में 17 पीड़ित परिवारों ने प्रधानमंत्री से “ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी भावना के तेज़ी से बढ़ने” की जांच के लिए तुरंत संघीय रॉयल कमीशन गठित करने की मांग की। पत्र में कहा गया है कि बॉन्डी बीच नरसंहार तक पहुंचाने वाली कानून प्रवर्तन, खुफिया एजेंसियों और नीतिगत विफलताओं की भी गहन जांच होनी चाहिए।
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परिवारों ने लिखा, “हम जवाब और समाधान चाहते हैं। हमें जानना है कि स्पष्ट चेतावनी संकेतों को क्यों नज़रअंदाज़ किया गया और नफ़रत व कट्टरपंथ को बिना रोक-टोक कैसे बढ़ने दिया गया।”
प्रधानमंत्री अल्बानीज़ ने अब तक संघीय जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा है कि विभाजन और देरी के बजाय त्वरित कार्रवाई ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि न्यू साउथ वेल्स सरकार के नेतृत्व में रॉयल कमीशन पर्याप्त होगा।
हालांकि पीड़ित परिवारों का कहना है कि प्रस्तावित बंदूक कानूनों और नफरत भरे भाषण पर सुधार “काफी नहीं” हैं। उन्होंने इस स्थिति को “राष्ट्रीय संकट” बताते हुए कहा कि मज़बूत नेतृत्व और ठोस कार्रवाई से ही भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकता है।
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