पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार एक गलत कदम था और इसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान गंवानी पड़ी। चिदंबरम ने यह टिप्पणी ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टि से किए गए निर्णयों के संदर्भ में की।
चिदंबरम ने बताया कि 1984 में पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल पर सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन ने देश के साम्प्रदायिक ताने-बाने को गहरा आघात पहुँचाया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन ब्लू स्टार ने देश में अस्थिरता और राजनीतिक संकट पैदा किया। इंदिरा गांधी ने इस फैसले की कीमत अपने जीवन से चुकाई।”
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के निर्णय ने देश में सिख समुदाय और केंद्रीय सरकार के बीच तनाव बढ़ाया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक असंतोष की स्थितियाँ उत्पन्न हुईं। चिदंबरम ने यह भी कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में सटीक और संतुलित नीति अपनाना बेहद जरूरी होता है।
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उन्होंने आगे कहा कि इस ऐतिहासिक घटना से सबक लेने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में समान परिस्थितियों में बेहतर और सोच-समझकर निर्णय लिया जा सके। इसके अलावा, चिदंबरम ने यह भी उल्लेख किया कि राजनीतिक नेताओं और नीति निर्माताओं को हमेशा देश की एकता और सामाजिक सामंजस्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।
चिदंबरम के इस बयान ने राजनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से कई चर्चाओं को जन्म दिया है और एक बार फिर से ऑपरेशन ब्लू स्टार पर बहस को सक्रिय कर दिया है।
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