जापान और ऑस्ट्रेलिया ने रविवार (7 दिसंबर 2025) को शांति और संयम बनाए रखने की अपील की, जब चीनी सैन्य विमानों ने जापानी लड़ाकू जेट्स पर अपना रडार लॉक कर दिया। यह घटना उस समय हुई, जब हाल ही में ताइवान पर जापानी प्रधानमंत्री के बयान से टोक्यो और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ा था।
जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी ने कहा कि जापान ने चीन के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने इस कार्रवाई को “अत्यंत खेदजनक”, “खतरनाक” और “सुरक्षित उड़ान संचालन की आवश्यकता से परे” बताया।
जापान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीन का J-15 विमान लिओनिंग एयरक्राफ्ट कैरियर से ओकिनावा के पास उड़ा और दो बार जापान के F-15 जेट्स पर लगभग 3 मिनट और फिर 30 मिनट तक रडार लॉक किया। जापानी जेट्स चीनी विमानों की गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे, लेकिन किसी प्रकार की उकसाने वाली कार्रवाई नहीं की गई।
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चीनी नौसेना के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वांग शुएमेंग ने आरोप लगाया कि जापानी विमानों ने “उत्पीड़न” किया और कहा कि चीन ने अपने अभ्यास पहले ही घोषित कर दिए थे। उन्होंने जापान से “बदनाम करने वाली गतिविधियों” को रोकने की मांग की।
दोनों देशों के संबंध तब से तनावपूर्ण हैं जब जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा था कि चीन द्वारा ताइवान पर कारवाई की स्थिति में जापान सैन्य रूप से शामिल हो सकता है।
इसी बीच जापान और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रियों की टोक्यो में बातचीत हुई, जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने कहा कि चीन की कार्रवाई “गंभीर चिंता का विषय” है और सभी सैन्य गतिविधियाँ सुरक्षित व पेशेवर तरीके से होनी चाहिए।
यह घटना पहली बार है जब जापानी और चीनी सैन्य विमानों के बीच ऐसा रडार लॉक हुआ है। इससे पहले 2013 में चीनी नौसैनिक जहाज ने जापानी विध्वंसक पर रडार लॉक किया था।
प्रशांत क्षेत्र में अन्य स्थानों पर भी तनाव बढ़ा, जहां फिलीपींस ने आरोप लगाया कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में उनकी गश्ती विमान पर फ्लेयर दागे।
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