छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नन की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी महिलाओं ने महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आदिवासी महिलाओं ने आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है और बजरंग दल के कुछ सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बजरंग दल के सदस्य नारायणपुर के तीन युवा आदिवासी महिलाओं को जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर करने और मानव तस्करी में शामिल थे। हालांकि, उक्त आदिवासी महिलाओं ने शुरू से ही इस आरोप को खारिज किया है। उनका कहना है कि उन्हें किसी भी तरह के दबाव या जबरदस्ती का सामना नहीं करना पड़ा।
महिला आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की घोषणा की और कहा कि वह सभी पक्षों से जानकारी जुटाकर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी। आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी पीड़ितों और आरोपियों से बातचीत कर मामले की सच्चाई सामने लाई जाए।
और पढ़ें: मुंबई में भारी बारिश के बाद स्कूल-कॉलेज खुले, यातायात सेवाएँ सामान्य हुईं
इस घटना ने स्थानीय समाज में चर्चा को जन्म दिया है। कई मानवाधिकार संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं और आदिवासी महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
वहीं पुलिस ने कहा है कि मामला जांच के दायरे में है और जल्द ही सभी पक्षों के बयान लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह का निष्पक्ष निर्णय केवल तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर ही लिया जाएगा।
यह मामला आदिवासी अधिकारों, महिला सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे संवेदनशील विषयों को लेकर समाज में बहस को भी बढ़ावा दे रहा है।
और पढ़ें: परमाणु कानून और विपक्ष की भूमिका: गंभीर चर्चा की आवश्यकता