क़तर की राजधानी दोहा में हुए धमाकों को लेकर इज़राइली सेना ने दावा किया है कि उसने हमास के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाते हुए एक सटीक हवाई हमला किया। इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) और उसकी सुरक्षा एजेंसी (ISA) ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि यह हमला हमास की आतंकी गतिविधियों के नेतृत्व को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि, इज़राइल ने यह स्पष्ट नहीं किया कि हमला दोहा में ही हुआ या कहीं और।
क़तर ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे “कायराना हमला” करार दिया। क़तर सरकार ने कहा कि किसी संप्रभु देश की राजधानी में इस तरह का हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और शांति व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन है। क़तर ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि ऐसे हमलों को रोका जाए और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब ग़ाज़ा में इज़राइल और हमास के बीच तनाव चरम पर है। इज़राइल का कहना है कि हमास उसके लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा है और उसका शीर्ष नेतृत्व आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने में शामिल है। वहीं, क़तर लंबे समय से हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुटों के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाता रहा है।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हमले ने नई बहस छेड़ दी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वास्तव में हमला दोहा में हुआ है तो यह मध्य पूर्व की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है और क्षेत्रीय अस्थिरता को और गहरा कर सकता है।
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