5 अक्टूबर, एक समय मर्सिडीज-बेंज जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत महिला अधिकारी ने अपने कॉर्पोरेट जीवन को छोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा। उन्होंने विशेष जरूरतों वाले बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा में अपनी नई calling पाई।
पूर्व अधिकारी ने साझा किया कि बोर्डरूम की सफलता और उच्च पद पाने के बावजूद उन्हें अंदर से संतोष नहीं मिल रहा था। उनके लिए जीवन का असली उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना था, जिन्हें विशेष देखभाल और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यही सोच उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित करती है।
उन्होंने विशेष बच्चों के लिए केंद्र और कार्यक्रम स्थापित किए, जहां मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वे बच्चों की व्यक्तिगत क्षमताओं और चुनौतियों को समझते हुए उनके लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती हैं। उनके प्रयास से बच्चों में आत्मविश्वास, सामाजिक कौशल और आत्मनिर्भरता विकसित हो रही है।
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विशेष बच्चों की शिक्षा और पोषण की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर उचित मार्गदर्शन और देखभाल बच्चों के भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकती है।
पूर्व मर्सिडीज-बेंज अधिकारी का यह कदम यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी नई दिशा अपना सकता है। उनके लिए सफलता केवल पद या पैसों में नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक योगदान और बच्चों के विकास में मदद करने में निहित है।
यह कहानी प्रेरणा देती है कि जीवन में संतोष और उद्देश्य पाने के लिए कभी भी बदलाव करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
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