फ्रांस के न्यायिक अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी दी कि इस गर्मी में उन्होंने निर्वासित सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ 2013 में हुई घातक रासायनिक हमलों के मामले में नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इस वारंट के साथ फ्रांस ने अब रूस में निर्वासित पूर्व तानाशाह बशर अल-असद के खिलाफ कुल तीन अलग-अलग गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए हैं। असद ने 2000 से पिछले वर्ष तक सीरिया पर शासन किया, जब 14 वर्षों के विनाशकारी गृह युद्ध के बाद उन्हें सत्ता से हटा दिया गया।
फ्रांसीसी जांचकर्ताओं ने 2021 से डमास्क के बाहर अद्रा और डूमा में 4-5 अगस्त 2013 तथा ईस्टर्न घौटा में 21 अगस्त को कथित रासायनिक हमलों की जांच कर रहे हैं। पहले हमले में लगभग 450 लोग घायल हुए थे, जबकि अमेरिकी खुफिया सूत्रों के अनुसार ईस्टर्न घौटा में सरिन गैस से 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
2023 में असद राष्ट्रपति रहते हुए भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, लेकिन जुलाई में फ्रांस की सर्वोच्च अदालत ने इसे असद की राष्ट्रपति इम्यूनिटी के कारण रद्द कर दिया था। अब नया वारंट उनकी सत्ता से हटने के बाद जारी किया गया है और इसमें उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले में सीरियाई रिपब्लिकन गार्ड के 105वें ब्रिगेड के पूर्व कमांडर तलाल मखलूफ के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया है।
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इसके पहले जनवरी में असद के खिलाफ 2017 के डेरा बमबारी में युद्ध अपराधों में शामिल होने के संदेह में और अगस्त में 2012 में विद्रोही कब्जे वाले शहर में प्रेस सेंटर पर बमबारी के लिए वारंट जारी किया गया था। रूस के अनुसार असद वर्तमान में मास्को में "मानवीय आधारों" पर रह रहे हैं।
सीरियाई गृह युद्ध 2011 में असद द्वारा विरोध प्रदर्शनों की क्रूर दमन के कारण शुरू हुआ और इसमें आधे मिलियन से अधिक लोग मारे गए।
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