फ्रांस के प्रधानमंत्री एरिक लेकोर्नु ने देश में बढ़ते विरोध और प्रदर्शन के बीच नई कैबिनेट का गठन किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सरकार ने खर्च में कटौती और पेंशन सुधार जैसे आर्थिक फैसले लागू किए हैं, जिनका जनता और यूनियनों द्वारा विरोध किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री लेकोर्नु ने कैबिनेट पुनर्गठन को सरकारी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने और आर्थिक सुधारों को तेज करने का जरिया बताया। नई कैबिनेट में कुछ पुराने मंत्रियों को हटाया गया है और कई नए चेहरों को शामिल किया गया है। उनका कहना है कि यह बदलाव सरकार की स्थिरता और निर्णय क्षमता को मजबूत करेगा।
फ्रांस में पिछले हफ्तों से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी है।प्रदर्शनकारियों का कहना है कि खर्च कटौती और पेंशन सुधार आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित करेंगे और सामाजिक असमानता बढ़ाएंगे। यूनियनों ने सरकार के फैसलों को अन्यायपूर्ण और जनता विरोधी करार दिया है।
और पढ़ें: फ्रांस ने टेलीग्राम से कुछ मोल्दोवा चैनल हटाने को कहा: पावेल डुरोव
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नई कैबिनेट का गठन सरकार के लिए जनता और विपक्ष के दबाव के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। इस कदम के जरिए सरकार का उद्देश्य आर्थिक सुधारों को लागू करना और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना है।
प्रधानमंत्री लेकोर्नु ने आश्वासन दिया कि आर्थिक सुधारों के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कैबिनेट जनता के प्रति नीतियों को अधिक पारदर्शिता और प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगी।
फ्रांस में यह कदम सरकार की राजनीतिक स्थिरता और बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध को प्रबंधित करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
और पढ़ें: फ्रांस सहित कई देश करेंगे फ़िलिस्तीन राज्य को मान्यता, मैक्रॉन ने रखी शर्त