गाज़ा संकट पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई हलचल शुरू हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत गाज़ा शांति योजना के तहत अब इज़रायल ‘पहले चरण’ को लागू करने की तैयारी कर रहा है। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब हमास ने संकेत दिया है कि वह सभी बंधकों को रिहा करने को तैयार है, बशर्ते समझौते और वार्ता की दिशा स्पष्ट रूप से तय हो।
ट्रंप ने इज़रायल सरकार से अपील की है कि बमबारी को तुरंत रोका जाए और बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। उनका मानना है कि लगातार सैन्य कार्रवाई से स्थिति और बिगड़ सकती है, जबकि हमास की रिहाई की पेशकश को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए।
इज़रायल की ओर से आधिकारिक रूप से बताया गया है कि ‘पहला चरण’ मुख्य रूप से मानवीय सहायता पहुंचाने, सीमित संघर्ष विराम और बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगा। हालांकि सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हमास पर भरोसा करना आसान नहीं होगा और हर कदम बेहद सतर्कता से उठाना पड़ेगा।
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दूसरी ओर, फिलिस्तीनी नागरिक लगातार हिंसा और मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और अस्पतालों में दवाइयों तथा बिजली की भारी कमी बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी शांति योजना को लेकर बारीकी से नजर रख रहा है, क्योंकि यह मध्य पूर्व में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को शांत करने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
कुल मिलाकर, यह स्थिति आने वाले दिनों में इस बात पर निर्भर करेगी कि इज़रायल और हमास के बीच किस तरह का समझौता बन पाता है और क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों पक्षों को वार्ता की मेज पर ला सकता है।
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