दक्षिणी गाज़ा पट्टी में लगातार हो रही भारी बारिश ने हजारों बेघर फ़िलस्तीनियों के टेंटों में बाढ़ ला दी है, जिससे वे कड़ाके की ठंड और सर्दियों के तूफानों के बीच बेहद कठिन हालात का सामना कर रहे हैं। यह स्थिति तब है जब इज़राइल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध के दो साल पूरे होने को हैं, और अब भी लाखों लोग सुरक्षित और स्थायी आश्रय से वंचित हैं।
फ़िलस्तीन एनजीओ नेटवर्क के प्रमुख अमजद अल-शावा ने बताया कि लगभग 1.5 मिलियन विस्थापित लोगों को रहने के लिए कम से कम 3 लाख नए टेंटों की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बारिश से टेंटों में पानी घुस गया है, कई आश्रय ढह गए हैं और बच्चे, बुजुर्ग तथा महिलाएं खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
गाज़ा की लगभग 20 लाख आबादी में से अधिकांश अक्टूबर 2023 में अपने घरों से भागने पर मजबूर हो गए थे, जब हमास के हमले के बाद इज़राइल ने ज़मीनी और हवाई अभियान शुरू किया था। इस हमले में कथित तौर पर 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इज़राइल ने व्यापक सैन्य कार्रवाई की, जिसमें बड़ी संख्या में मकान, इमारतें और बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया।
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जो लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए, वे अब तिरपाल से बने तंबुओं, अस्थायी झोपड़ियों और अत्यंत कमजोर आश्रयों में रह रहे हैं। भारी बारिश ने उनके जीवन को और कठिन बना दिया है। कई परिवारों ने बताया कि उनके पास गर्म कपड़े, सूखा खाना और सुरक्षित सोने की जगह तक नहीं है।
मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि त्वरित मदद नहीं पहुंचाई गई तो सर्दी, बीमारी और भूख से हालात और बिगड़ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से बढ़ाने की अपील की जा रही है।
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