भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के समूह आईबीएसए (IBSA) ने गाज़ा पर जारी इज़राइली हमलों की कड़ी निंदा की है। इस त्रिपक्षीय संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और मानवीय सिद्धांतों के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताई।
आईबीएसए देशों ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि भूख को युद्ध का हथियार बनाना भी अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि गाज़ा में नागरिकों को भोजन, दवा और अन्य मानवीय सहायता से वंचित करना न केवल अनैतिक है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के मूल सिद्धांतों का भी हनन है।
संगठन ने यह भी कहा कि गाज़ा में हो रही हिंसा और लगातार बमबारी ने हजारों निर्दोष नागरिकों की जान ले ली है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह स्थिति वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है।
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आईबीएसए देशों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि गाज़ा में तत्काल युद्धविराम सुनिश्चित किया जाए और मानवीय सहायता को बिना किसी बाधा के प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचने दिया जाए। साथ ही उन्होंने ज़ोर दिया कि इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच वार्ता और कूटनीतिक प्रयासों को पुनर्जीवित करना आवश्यक है, ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित हो सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि आईबीएसए की यह कड़ी प्रतिक्रिया वैश्विक दक्षिण के बढ़ते दबाव को दर्शाती है, जो मानवीय मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय कानून की रक्षा के लिए आवाज़ उठा रहे हैं।
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