ईरान ने दो व्यक्तियों को इज़राइल के लिए जासूसी करने और आतंकी संगठन आईएसआईएस से संबंध रखने के आरोप में फांसी दे दी। ईरानी अधिकारियों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने निचली अदालतों के फैसले को बरकरार रखते हुए इन दोनों आरोपियों की सजा को मंजूरी दी थी।
न्यायपालिका की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आरोपियों पर ईरान की सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डालने, इज़राइल को संवेदनशील जानकारी पहुंचाने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। अदालत ने कहा कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया और आरोपियों को बचाव का पूरा मौका दिया गया।
ईरानी सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया कि दोनों व्यक्तियों ने विदेशी खुफिया नेटवर्क को गोपनीय सूचनाएं दीं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंचा। जांच में यह भी पाया गया कि उनका संबंध आईएसआईएस से था और वे देश में अस्थिरता फैलाने की साजिश में शामिल थे।
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मानवाधिकार संगठनों ने इस फांसी पर चिंता जताई है और कहा है कि ईरान में जासूसी के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी नहीं रहती। हालांकि, ईरानी सरकार का कहना है कि देश की सुरक्षा के लिए ऐसे कड़े कदम आवश्यक हैं।
हाल के वर्षों में ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ा है, खासकर क्षेत्रीय संघर्षों और गुप्तचर गतिविधियों को लेकर। विश्लेषकों का मानना है कि इन फांसियों से दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ सकता है।
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