गाज़ा:
इज़राइली सेना (IDF) ने मध्य गाज़ा के भीड़भाड़ वाले देइर अल-बलाह इलाके में रहने वाले नागरिकों और शरणार्थियों को तत्काल पलायन का आदेश दिया है। यह इलाका अब तक ज़मीनी हमलों से अछूता रहा था, लेकिन अब संभावित हमले की आशंका से हज़ारों फिलिस्तीनियों में अफरातफरी फैल गई है।
सेना ने निवासियों को मेडिटेरेनियन तट के अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा है। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब इज़राइली वायुसेना ने इस क्षेत्र पर पहले ही कई हवाई हमले किए हैं, लेकिन ज़मीनी सैनिकों की तैनाती नहीं हुई है।
IDF ने इलाके में पर्चे गिराकर कई इलाकों के लोगों को दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा। सेना का दावा है कि वह “शत्रु की क्षमताओं और आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने” की मुहिम चला रही है। इस क्षेत्र में पहले ज़मीनी कार्रवाई नहीं हुई थी, जिससे आशंका है कि यहां बंधकों को रखा गया हो सकता है।
इज़राइली सूत्रों के अनुसार, गाज़ा में अब भी करीब 50 बंधकों में से 20 जीवित हैं। अधिकांश इलाका विस्थापितों से भरा है, जो तंबुओं में रह रहे हैं।
रविवार को शिफा अस्पताल ने जानकारी दी कि UN सहायता ट्रकों का इंतजार कर रही भीड़ पर हुए इज़राइली हमले में 40 से अधिक लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए। दक्षिण गाज़ा में भी सहायता बिंदुओं पर कई मौतों की खबरें हैं।
UN ने चेतावनी दी है कि गाज़ा में आम नागरिक भुखमरी की कगार पर हैं और आपातकालीन सहायता की ज़रूरत है।
इज़राइल का कहना है कि नया वितरण तंत्र हमास को सहायता से रोकता है, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सहायता मांगते कई लोग इज़राइली गोलीबारी में मारे गए हैं।
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 1,200 से अधिक इज़राइली मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था। जवाबी कार्रवाई में अब तक गाज़ा में 58,895 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं।