झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार (6 दिसंबर 2025) को ED समन के कथित अनुपालन न करने से जुड़े मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। मामले में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अदालत में दो ज़मानत बॉन्ड दाखिल किए, प्रत्येक ₹7,000 के। इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
सोरेन के वकील प्रदीप चंद्रा ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर मुख्यमंत्री अदालत में पेश हुए। उन्होंने बताया कि अब आगे की सुनवाई में मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी और उनके वकील ही उनकी ओर से पेश होंगे।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में शिकायत दर्ज की कि हेमंत सोरेन पहले जारी किए गए समनों के बावजूद पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। ये समन एक कथित भूमि घोटाले से जुड़े मामले में जारी किए गए थे।
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बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट ने सोरेन को बड़ी राहत देते हुए उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी, लेकिन यह भी दर्ज किया कि वे 6 दिसंबर को अदालत में पेश होने के अपने आश्वासन का पालन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने एमपी-एमएलए कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को ED को निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री की याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करे, जिसमें उन्होंने भूमि घोटाले मामले में जारी समनों को चुनौती दी है।
यह मामला झारखंड की राजनीति में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि ED ने राज्य में भूमि खरीद-फरोख्त से जुड़े एक बड़े घोटाले की जांच शुरू कर रखी है। इस मामले में कई सरकारी अधिकारी और दलाल पहले ही जांच एजेंसी की निगरानी में हैं।
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