अमेरिका के ओरेगन राज्य के पोर्टलैंड शहर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच संघीय न्यायाधीश ने ट्रम्प प्रशासन को नेशनल गार्ड की तैनाती से अस्थायी रूप से रोक दिया है। यह फैसला राज्य सरकार और पोर्टलैंड शहर द्वारा दायर उस मुकदमे के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि संघीय सरकार की यह कार्रवाई राज्य के अधिकारों का उल्लंघन है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि ट्रम्प प्रशासन का कदम “संघीय शक्ति के दायरे से बाहर” है और इससे स्थानीय प्रशासन के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप होगा। अदालत ने यह भी कहा कि जब तक मुकदमे की पूरी सुनवाई नहीं होती, तब तक संघीय सैनिकों या नेशनल गार्ड को पोर्टलैंड में तैनात नहीं किया जा सकता।
पोर्टलैंड में पिछले कुछ महीनों से नस्लीय न्याय और पुलिस सुधारों की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान कई बार हिंसक झड़पें और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं, जिसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने “कानून व्यवस्था बनाए रखने” के लिए संघीय बल भेजने की योजना बनाई थी।
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ओरेगन की गवर्नर और पोर्टलैंड के मेयर ने अदालत में कहा था कि संघीय सैनिकों की तैनाती से हालात और बिगड़ सकते हैं तथा यह स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी में दखल है। अदालत ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि शांति बहाल करने की जिम्मेदारी राज्य और स्थानीय प्रशासन की है।
यह आदेश ट्रम्प प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे संघीय सरकार की प्रदर्शन-नियंत्रण नीति पर सवाल उठे हैं।
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