22 वर्षीय ब्रिंदा, जो अभिनेता और राजनेता विजय की बड़ी फैन थीं, कल करूर में सुपरस्टार की रैली में भाग लेने के लिए उत्साहित थीं। उन्होंने अपना दो वर्षीय बेटा अपनी बहन के पास छोड़कर रैली स्थल की ओर रुख किया, ताकि अपने हीरो को देख सकें। कुछ घंटों बाद, ब्रिंदा रैली में हुई भीड़ के दबाव (stampede) में मारी गईं। इस त्रासदी में कुल 40 लोगों की मौत हुई और करीब 100 लोग घायल हुए।
ब्रिंदा की बहन ने बताया कि वे लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश करती रहीं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सुबह पता चला कि उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा, "मेरी बहन अपना बच्चा मेरे पास छोड़ गई और रैली में जाने चली गई। हमने शाम 4 बजे कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठाया। रात 10 बजे के बाद फोन बंद था। सुबह उनके पति ने आयोजकों को फोटो भेजा और तब हमें उनकी मौत का पता चला।"
विजय ने दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा तथा घायल लोगों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह राशि जीवन के नुकसान के सामने बहुत कम है।
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ब्रिंदा की बहन ने कहा कि वे पैसा नहीं चाहते और उचित सुरक्षा और व्यवस्था के बिना कोई मुआवजा कुछ नहीं हल करता।
त्रासदी की जांच में विजय और उनकी पार्टी टीवीके पर खराब योजना और सुरक्षा निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लग रहा है। राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, स्थल की क्षमता 10,000 थी, लेकिन 27,000 लोग पहुंचे।
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