उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने हाल ही में कुमसॉन्ग-सीरीज़ टैक्टिकल अटैक ड्रोन के परीक्षण की देखरेख की और इसे देश की रक्षा क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। राज्य मीडिया के अनुसार, इस परीक्षण ने ड्रोन की “उत्कृष्ट युद्धक क्षमता” को प्रदर्शित किया, जिस पर किम ने गहरी संतुष्टि व्यक्त की।
रिपोर्टों के मुताबिक, इस अभ्यास का उद्देश्य उत्तर कोरिया की सैन्य तकनीकी प्रगति को दिखाना था, विशेष रूप से बिना पायलट वाले हवाई वाहनों (UAVs) के क्षेत्र में। परीक्षण के दौरान, ड्रोन ने लक्ष्यों पर सटीक हमले और निगरानी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। किम ने कहा कि यह उपलब्धि उत्तर कोरिया की आत्मनिर्भर सैन्य नीति को और मजबूती देती है और देश की रक्षा तैयारियों को नए स्तर तक ले जाती है।
इसके साथ ही, किम जोंग-उन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में भी तेज़ी से विकास करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्धों में AI आधारित तकनीक निर्णायक भूमिका निभाएगी, इसलिए उत्तर कोरिया को इस दिशा में अग्रणी बनने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।
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विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया का यह कदम न केवल अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने का प्रयास है बल्कि वैश्विक स्तर पर यह संदेश देने का भी तरीका है कि वह तकनीकी रूप से पिछड़ा नहीं है। यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब उत्तर कोरिया पर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लागू हैं, और उसका सैन्य कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता का विषय बना हुआ है।
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