गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने बताया कि वामपंथी चरमपंथ (Left Wing Extremism - LWE) से प्रभावित जिलों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में घटकर अब केवल तीन रह गई है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर अब राज्य के सबसे प्रभावित जिले हैं।
मंत्रालय ने कहा कि यह कमी सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई, विकास कार्यों और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है। पहले छह जिले गंभीर रूप से प्रभावित थे, लेकिन व्यापक अभियान और प्रशासनिक प्रयासों के चलते स्थिति में सुधार हुआ है। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाए और ग्रामीण इलाकों में विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया, जिससे स्थानीय समुदायों का समर्थन हासिल हुआ।
गृह मंत्रालय के अनुसार, अब इन तीन जिलों में भी स्थिति बेहतर है और लोग सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि प्रभावित इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे विकास कार्यक्रमों को तेजी से लागू किया गया है, जिससे चरमपंथियों की पकड़ कमजोर हुई है।
और पढ़ें: टाटा कम्युनिकेशन्स की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 27% घटकर ₹183 करोड़ पर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंकड़ा न केवल सुरक्षा स्थिति में सुधार का संकेत है, बल्कि यह विकास और प्रशासनिक प्रयासों की सफलता को भी दर्शाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों को इस दिशा में लगातार निगरानी और कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि भारत सरकार वामपंथी चरमपंथ को पूरी तरह समाप्त करने के लिए सतत प्रयास और नीति समर्थन जारी रखेगी।
और पढ़ें: रक्षा मंत्री ने सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता में 100% वृद्धि को मंजूरी दी